बरसती हों आंखें या हों बरसते बादल, थाम लेती हूँ मैं तो बस तुम्हारा आँचल होठों पर मुस्कान हो तब भी तुम्हारी जरूरत बनी रहती है न मिले जिस दिन सुकून से तुम्हारा साथ, उस दिन रूठी सी मुझे मुझसे मेरी ज़िंदगी लगती है। कैसे घूँट घूँट कर तुम मुझमें मिल जाती हो मुझमे घुलते हीअमृतपान सा एहसास कराती हो हर दर्द-ए-ग़म को चुटकियों में हर ले जाती हो कितनी सह्रदय हो न तुम ये सोचती हूँ मैं, जो तुममे मिलना चाहे सबको अपना बनाती चली जाती हो। ©Divya Joshi सब दर्दों की एक दवा: मेरी प्यारी "चाय" #InternationalTeaDay #tealover #teantalk #teaanadme #teaaddicted Raahi Jassi Jass Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " Reena Sharma "मंजुलाहृदय" SAURAV SACHAN