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फर्ज और फर्जी मे अ दोस्त,सिर्फ मात्रा का अन्यर है

फर्ज और फर्जी मे अ दोस्त,सिर्फ मात्रा का अन्यर है ,हमे वो मात्रा नहि बनना है।
फर्ज और फर्जी मे अ दोस्त,सिर्फ मात्रा का अन्यर है ,हमे वो मात्रा नहि बनना है।