"मशक़्क़त"
मेहनत भी पूरी मशक्कत से हो तो फल मिलता है। हम हमारे थकने तक के सफर को हमारी मेहनत की पराकाष्ठा मान लेते है। इसी धरती पर सौ मीटर दौड़ कर हाँफने वाले भी मिल जायेंगे और पचास किलोमीटर की मैराथन रेस दौड़कर भी चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने वाले भी मिल जायेंगे।
हमारी कल्पनाओं ने जितनी जमीन मापी है हमारा सफर उससे एक इंच आगे नहीं जाना है। उसके आगे ताकत होते हुए भी हम स्वयं को थका हुआ पायेंगे। अपनी दृढ़ता, मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता को आम भीड़ से अलग स्तर पर ले जा कर स्थापित करो।
आपकी सफलता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा दुनियां के लोग नहीं बनेंगे। आपकी दुर्बल भावनाएं आपकी दौड़ का दायरा घटा देगी। सारी दुनियां आपको हारा हुआ मान ले लेकिन आपका मंतव्य ऐसा नहीं है तो जल्दी ही दुनियां को आपके प्रति बनाई धारणा बदलनी पड़ेगी।
#story