क्या हुआ?? दिल दुखा है?? फ़िर से ?? फ़कत प्यार भरे कुछ लफ्ज़ चाहे थे न किसी अपने से?? फ़कत इतना चाहा था, कि गर वो ना समझना चाहें तुम्हें, तो न समझे, पर कम से कम ग़लत न समझें, कम से कम एक बार, कभी तो तुमसे जानने की कोशिश करें कि तुम्हें क्या तकलीफ़ है, कभी तो... जब तक ये चाहत रहेगी, दिल दुखता ही रहेगा... एक वारी चाहत खत्म, उम्मीदें खत्म, फ़िर,, हर तकलीफ़ खत्म... यकीन मानो, फ़िर तुम ज़रूर बची रहोगी..... ©Neerja Kaha kmi rhe gai mere pyar me?? meri honesty me?? kyo bandishe lgana jruri h mjh pr?? mai smjhti hu ki tumhari zindgi me bht si takleefe h, janti hu ki tum ni sunna chahti kbi mjhe, pr fir, plz don't judge me...