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झारखंड की प्रकृति अनमोल,

झारखंड की प्रकृति अनमोल,                                             यहां की बोली, मधुर है बोल।                                              लौह अयस्क से भरा पड़ा है,                                           मानव मोती जैसे जड़ा हुआ है ।                                            मिलजुल कर रहते हैं सभी यहां,                                      मिलेगा ऐसा देखने को कहां कहां ?                                       जलप्रपातो में दिल लग जाए ,                                          सबके मन को कितना भाए।                                              अभ्यारण में देखने को मिलेंगे पक्षी,                                   झारखंड की गाथा बिल्कुल सच्ची।                                       है यहां की जलवायु मानसूनी,                                         यहां की गाथा किसने न जानी ?                                          यहां पाई जाती है मिट्टी जलोढ़ ,                                        बोलेंगे हम यही के बोल ।                                                सभी त्योहार मनाए जाते हैं,                                          खास यहां के दिन और रातें हैं ।                                          यहां के लोग खूब मेहनत करते हैं,                                     मुसीबत में सब साथ साथ रहते हैं।

©Nk.Nainsi 
  झारखंड स्थापना दिवस की शुभकामनाएं
dilipprasad6637

Nk.Nainsi

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झारखंड स्थापना दिवस की शुभकामनाएं #कविता

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