वो जानवर नहीं है मुकम्मल बयान है माथे पे उसके चोट का गहरा निशान है फिसले जो इस जगह तो लुढ़कते चले गए हमको पता नहीं था कि इतना ढलान है देखे हैं हमने दौर कई अब ख़बर नहीं पैरों तले ज़मीन है या आसमान है वो जानवर देखा था मुझे उसकी आंख से ऐसा लगा कि वो भी बहुत बेज़ुबान है - दुष्यंत कुमार #SavingLivesOnRoad suitable line thoda bahot edit hai