तुम उस को देख कर छू कर भी ज़िंदा लौट आए हो मैं उस को ख़्वाब में देखूँ तो हैरानी से मर जाऊँ मैं इतना सख़्त-जाँ हूँ दम बड़ी मुश्किल से निकलेगा ज़रा तकलीफ़ बढ़ जाए तो आसानी से मर जाऊँ ग़नीमत है परिंदे मेरी तन्हाई समझते हैं अगर ये भी न हों तो घर के वीराने से मर जाऊँ ❤❤❤ महशर आफ़रीदीं रूड़की (भारत) ©sumit pandey #sher #Mahsharafridi #BirthDay #WinterFog