अब तो आ जाओ मेरे हमदम मुझे कितना सता रहे हो, क्या है नही कुछ और खाने को जो भाव खा रहे हो। अरे कितनी शिकायत है तुझे और कितने बहाने है तेरे, मिलोगे तो तब बता देना मुझे कितना तरसा रहे हो। क्या है नही कुछ और खाने को जो भाव खा रहे हो। अब दे दो इज़ाजत मुझे भी अपने साये में आने की, इक उम्र से यूँ ही भरमा रहे हो। क्या है नही कुछ और खाने को जो भाव खा रहे हो।। @prati... #तेरे इन्तजार से गिला है मुझे।#