इंतज़ार है मुझे उस कल का, इंतज़ार है मुझे उस पल का, जब हम फिर सबसे मिलेंगे,अपनों से, जिनसे हम बहुत दूर रहा करते थे, उस घडी का हैं बेसबरी से इंतज़ार बस उस कल का हैं मुझे इंतज़ार कल तो रोज आता हैं पर क्या जिंदगी में एक नयी रौशनी लाता हैं? सूरज तो रोज सुबह निकलता हैं,एक नयी उम्मीद और प्रकाश धरा पर फैला जाता हैं,पर क्या हम जीवन में कुछ नए रंग उस प्रकाश से भर पाते हैं? बस उस कल का हैं मुझे इंतज़ार , जब मैं भी उन रंगो को महसूस करूंगी,फिर होगी सभी से मिलने की ख़ुशी वो पल कुछ अलग ही होगी,फिर अनकही नयी बातें होगी, मेरी खुशी फिर दुगनी होगी, इंतज़ार है मुझे उस कल का, इंतज़ार है मुझे उस पल का| #alone #Life