यह ढलता सूरज मुझे तेरी याद दिलाता है तेरे चेहरे की शर्म और हया से लजाती निगाहें उस पहली शाम की याद दिलाता है जब तू सिमट गई थी मेरी बाहों में और मैंने मुस्कुरा कर तुझे गले से लगा लिया आज ना तू है ना वह समा है बस यादों के झरोखों में एक बीता हुआ कल है नम है आज मेरी आंखें उस दीदार के लिए ना जाने कहाँ लिप्त हो गई मेरी मोहब्बत इस जहां में। #NojotoQuote #raj #poet #nojotoquote #love