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sunset nature हाले- ए -दिल किसको सुनाऊ, कान्हा क

sunset nature  हाले- ए -दिल किसको सुनाऊ, 
कान्हा के अलावा कोई भांता नहीं 
क्यूँ दो कदम चल के थम जाती हूं 
बातो को सोच उसके मन ही मन मुस्कुराती हूँ 
लफ्ज़ से कुछ ना कहती पर उसी से प्रेम जताती हूं 
वो दिल में रहता प्यारा कान्हा 
सुरतिया देख पलके ना झपकाती हूँ।

©Radhe Radhe
  मेरा कान्हा
radheradhe1346

Radhe Radhe

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मेरा कान्हा #कविता

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