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मेरी मोहबत की हद सिर्फ तेरा पुराना घर जानता हैं

मेरी मोहबत की हद सिर्फ तेरा पुराना घर जानता  हैं 
न जाने कितनी अर्जियां लिखी मैंने वो सब जानता  है 

हाथों में लेकर किस कदर टूट कर  रोया मैं 
ज़रा पूछना अपने घर के ताले से वो सब जानता  है 

तेरी विदाई के वक़्त शहर में नहीं था मैं 
मुस्कुरा कर मिलता हूँ अभी सब से 
मगर उसके पीछे का दर्द पूरा शहर जानता है

©Puspesh Raj
  tera ghar
puspeshraj8877

Puspesh Labh

New Creator

tera ghar #Love

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