पल भर में बता दिया खुदको रकीब का इस क़दर उसने मेरी हस्ती अनजानी की जिंदा होते हुए भी मार दिया मुझे फिर हर महफिल में मेरी बदनामी की इश्क फरेब धोखा रंजिश फिर हवस से अधूरी मेरी मोहब्बत की कहानी की सुना है सुनते है नज़म मेरी हर वक्त अब चूम के आंखो से अल्फाज एक मेहरबानी की जिसने भी कहा बड़ा सही कहा है हर आशिक की मौत अच्छी है जवानी की ©HIMESH panwar #share #Like #Nojoto #Poet #poem #King #WritersSpecial