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एक दीप तेरे नाम का दीपोत्सव के उल्लास का स्पर्श म

एक दीप तेरे नाम का दीपोत्सव के उल्लास का स्पर्श
 मन के भीतर तक पहुँचे। 
उजाला बाहर ही नहीं, भीतर भी हो।

‘जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, 
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए !‘

अँधेरे से लड़ने की अपनी ताक़त पर भरोसा पक्का हो, #दीप
एक दीप तेरे नाम का दीपोत्सव के उल्लास का स्पर्श
 मन के भीतर तक पहुँचे। 
उजाला बाहर ही नहीं, भीतर भी हो।

‘जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, 
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए !‘

अँधेरे से लड़ने की अपनी ताक़त पर भरोसा पक्का हो, #दीप