में तुझे भुला नही पा रहा हूं याद से ख़ुद को सत्ता रहा हूं बेदर्द बहुत है मोहब्बत तेरी, तस्वीर पर आंसू बहा रहा हूं सज़ती तो है महफिले आज भी वन्ही, महफ़िल से अब प्यासा ही जा रहा हूं शोले से ज्यादा जलता है दिल मेरा, जलते हुए शोले पर लहू गिरा रहा हूं जिंदगी से बहुत नाराज हो गया है विजय साँसे रोककर भी तुझे हटा नही पा रहा हूं दिल से विजय