हरदम किसी नसे में चुर रखती हैं। ख्वाहिशें हमें खुद से दूर रखती हैं।। ऐ वक्त कुछ आराम तु भी करले। घड़ीयाँ तुझे कितना मजबुर रखती हैं।। खुद से मिले एक अरसा हुआ होगा। राह-ए-जिंदगी कितना गुरुर रखती है।। #rakhtihai