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कल मिला था वो अचानक राहो मे,, जो बैठा रहता था घंट

कल मिला था वो अचानक राहो मे,, 
जो बैठा रहता था घंटो हमारी बाहो मे,, 
मिले ना निगाहेँ उनसे तो खो गए हम राहो मे,, 
घंटो डूबे रहते थे हम जिनकी निगाहो मे,, 
*खुद से अनजान*
आयुष  #gif
कल मिला था वो अचानक राहो मे,, 
जो बैठा रहता था घंटो हमारी बाहो मे,, 
मिले ना निगाहेँ उनसे तो खो गए हम राहो मे,, 
घंटो डूबे रहते थे हम जिनकी निगाहो मे,, 
*खुद से अनजान*
आयुष  #gif