कम ही चेहरे हैं जिसे पढ़ने का दिल करे तुमको पढ़ना मुझे बहुत अच्छा लगा झूठ के बाज़ार में सच बिकता कहाँ है तुम्हारा बेवफा होना मुझे सच्चा लगा नीलाम हो गए हम अपनों की भीड़ में भीड़ का हर शख्स मुझे अपना लगा सोचता था तुमसे रग़बत है मगर इतनी नहीं तुम्हारा छोड़ कर जाना मुझे सदमा लगा #सदमा