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मेरी गलती यो की कोई गिनती नहीँ है फिर भी पापा

मेरी गलती यो  की कोई गिनती नहीँ है फिर  भी  
पापा है कि भूल के सारी गलती मेरी, मेरी मुस्कान पर  इतराते है ।
चाहे थप्पड़ लगाते है, 
डरा धमका के सुलाते है, 
पर सोते हुये मेरे चहेरे को चुम्मीयो से नहलाते  है।

©Mungla Hiren 
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