धरती ने पहनी है हरियाली। चारो ओर फैली है खुशहाली।। आसमान की छत पर उमड़े । काले-काले बादल घुमड़े। रूई के बण्डल के जैसे। हाथी ,बंदर -शेर जैसे।। कहीं बैठी है गुड़िया रानी। कहीं कोयल की कूक सुहानी।। मन का हर कोना है प्रफुल्लित। धरती का हर कण है हर्षित।। आया बादल लाया बारिश। ना रही शिकायत ,ना कोई ख्वाहिश।। ©Alpita MishraSiwan Bihar #Badaldeta #badal