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समय क्या है यह भी लौट कहाँ वापस आता है अच्छी याद

समय क्या है यह भी  लौट कहाँ वापस आता है 
अच्छी यादें बुरी यादें भी तो अखबारों की
 तरह जेहन में हमेशा के लिए छप जाती

समुंदरो की आस पास की लहरों की आवाज़े
 सुनाई देती सिग्नल ना मिलने पे रेल भी बीच 
बीच में  रुक जाती 

इतना कुछ बदल गया यहाँ गाँव वही रास्ता
 पुरना रहे गया  गाँव में  बारिशों के मौसमों में 
पानी से सूखे तालाब  सडकें गलिया भर जाती 

जैसे जैसे उम्र बीत गई वैसे वैसे बुजुर्गो लोगों  की
 बात बहुत सीख दे गई इक बिगड़ी हुई बात भी 
पाता ही नही चलता कब बातों बातों में बन जाती 

अंधेरा कितना भी घना क्यौ ना हो जाए छोटी 
से छोटी रौशनी की किरणें घने से घने अंधेरों 
को दूर कर जाती 

हद से जादा उम्मीदें भी लोगों से पूरी हो नहीं 
 पाती  इक झुठ से परिवारों के रिश्तों में भी दरारे 
 पड़ जाती 

गरीबी का मजाक मत उड़ना ये दोस्तों किसी 
का भी कभी कभी ज़िंदगी में जादा अमीरी भी
 इंसान के हाथों से सब कुछ  गवा जाती 

रातों में देर तक पढ़ ने बाद फिर सोने के बाद 
सभी की माताएं कहीं परीक्षाओं में देरी ना हों जाए
 बच्चों को नींदों से सुबह सुबह जल्दी जल्दी उठा जाती

abhishek sharma

©mysterious boy #Dark 
#Nojoto 
#nojotonews 
#Hindi 
#Quote 
#hindipoetry 
#gazal 
#thought
समय क्या है यह भी  लौट कहाँ वापस आता है 
अच्छी यादें बुरी यादें भी तो अखबारों की
 तरह जेहन में हमेशा के लिए छप जाती

समुंदरो की आस पास की लहरों की आवाज़े
 सुनाई देती सिग्नल ना मिलने पे रेल भी बीच 
बीच में  रुक जाती 

इतना कुछ बदल गया यहाँ गाँव वही रास्ता
 पुरना रहे गया  गाँव में  बारिशों के मौसमों में 
पानी से सूखे तालाब  सडकें गलिया भर जाती 

जैसे जैसे उम्र बीत गई वैसे वैसे बुजुर्गो लोगों  की
 बात बहुत सीख दे गई इक बिगड़ी हुई बात भी 
पाता ही नही चलता कब बातों बातों में बन जाती 

अंधेरा कितना भी घना क्यौ ना हो जाए छोटी 
से छोटी रौशनी की किरणें घने से घने अंधेरों 
को दूर कर जाती 

हद से जादा उम्मीदें भी लोगों से पूरी हो नहीं 
 पाती  इक झुठ से परिवारों के रिश्तों में भी दरारे 
 पड़ जाती 

गरीबी का मजाक मत उड़ना ये दोस्तों किसी 
का भी कभी कभी ज़िंदगी में जादा अमीरी भी
 इंसान के हाथों से सब कुछ  गवा जाती 

रातों में देर तक पढ़ ने बाद फिर सोने के बाद 
सभी की माताएं कहीं परीक्षाओं में देरी ना हों जाए
 बच्चों को नींदों से सुबह सुबह जल्दी जल्दी उठा जाती

abhishek sharma

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