Nojoto: Largest Storytelling Platform

लौट आओ की अब रात नहीं ढलती, दिन नहीं गुजरता है तु

लौट आओ की अब रात नहीं ढलती, 
दिन नहीं गुजरता है तुम बिन...

माना कि मंजिलें अलग हैं हमारी, 
अभी तो सफ़र रास्तों का है,
कटता नहीं तुम बिन...

– Vivek Sharma Bhardwaj #Isolated #मंज़िले #laut
लौट आओ की अब रात नहीं ढलती, 
दिन नहीं गुजरता है तुम बिन...

माना कि मंजिलें अलग हैं हमारी, 
अभी तो सफ़र रास्तों का है,
कटता नहीं तुम बिन...

– Vivek Sharma Bhardwaj #Isolated #मंज़िले #laut