मेघा गरजा बारिश हुई देखो बुंदें छबीली नच गई सुप्त-सयाना दादुर भैया टर्र-टर्र कर कर ली सगाई चटाई बिछाई तरणी ने तट पर पुलकित पुष्प रंग लगाए पट पर जुगनुओं की अगुवाई में बारात आई रस्में होने लगी झटपट पनघट पर पाहुन-पग धुलाए तरुण ताल आसन परोसा स्वच्छ शैवाल मीन रोहू लगी खातिरदारी में दृष्टि दिए रखा सब पर हरलाल शस्य सजाए माड़ुआ सप्तरंग मुदित मन से घोंघा बजाए मृदंग मंत्र उच्चारण किए केकड़े ने दूल्हन आई सज-धज रौशनी संग ©Harlal Mahato वर्षा ऋतु और दादुर #वर्षा_ऋतु #rainydays #Marriage Shalini Pandit prajakta indira Priya Gour Pushpvritiya