तुम जानते हो ना जीर्णोद्धार हो जाता है हर ऐतिहासिक जीर्ण शीर्ण स्तंभ या किले द्वार और राजप्रासाद आदि का। होते देखा होगा ना उनका नवीनीकरण! भूतकाल की त्रुटियों का कभी जीर्णोद्धार नहीं कर सकते! शेष रह जाती हैं, त्रुटियाँ भग्नावशेष होती हैं भूतकाल की! जीर्ण-शीर्ण स्मृतियाँ! शेष रहती हैं ! उनके कुछ छोर भग्नावशेष के रूप में वर्तमान के सिरे से बँधे रह जाते हैं! तुम जानते हो ना जीर्णोद्धार हो जाता है हर ऐतिहासिक जीर्ण शीर्ण स्तंभ या किले द्वार और राजप्रासाद आदि का। होते देखा होगा ना उनका नवीनीकरण! भूतकाल की त्रुटियाँ कभी