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मुझे उन्मुक्त गगन का पंछी बनकर

मुझे उन्मुक्त गगन का पंछी बनकर 
                             उड़ने दो
                          हवाओ से बतलाने दो 
                      आसमां को छूने दो
                        तारो सा टिमटिमाने दो
                         मैं बेटी हूँ अपने देश की 
                     मुझे आजाद रहने दो
                         समुंदर की मछली मुझे बनने दो
                       इन लहरों से मुझे टकराने दो
                       तुम मछुआरे बनके ना आओ
                         रास्ते में मुझसे ना टकराओ
                         घाव तुम्हे भी होगा घाव हमे भी होगा
                         मैं बेटी हूँ अपने देश की 
                     मुझे आजाद रहने दो
                        पर्वत मालाओं पर चढ़कर में तिरंगा 
                           लहरा दूंगी
                     हिमालय तो क्या मैं चाँद पर भी तिरंगा
                             फहरा दूंगी
                             मैं बेटी हूँ अपने देश की  
                           मुझे आजाद रहने दो
                                                               
                                                                   "विकास"

©Vikas Sharma #Social #daughter #Love #Woman #poem 

#You&Me
मुझे उन्मुक्त गगन का पंछी बनकर 
                             उड़ने दो
                          हवाओ से बतलाने दो 
                      आसमां को छूने दो
                        तारो सा टिमटिमाने दो
                         मैं बेटी हूँ अपने देश की 
                     मुझे आजाद रहने दो
                         समुंदर की मछली मुझे बनने दो
                       इन लहरों से मुझे टकराने दो
                       तुम मछुआरे बनके ना आओ
                         रास्ते में मुझसे ना टकराओ
                         घाव तुम्हे भी होगा घाव हमे भी होगा
                         मैं बेटी हूँ अपने देश की 
                     मुझे आजाद रहने दो
                        पर्वत मालाओं पर चढ़कर में तिरंगा 
                           लहरा दूंगी
                     हिमालय तो क्या मैं चाँद पर भी तिरंगा
                             फहरा दूंगी
                             मैं बेटी हूँ अपने देश की  
                           मुझे आजाद रहने दो
                                                               
                                                                   "विकास"

©Vikas Sharma #Social #daughter #Love #Woman #poem 

#You&Me
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Vikas Sharma

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