Anger जब अपनो की चिंता हो, तो प्यार, गुस्सा बन कर, समझाता है। जब कोई अपना, बार-2, ठेस पहुँचाता है, गुस्सा, बहुत बार समझाने के बाद, मौन हो जाता है। जब कोई, बहुत ही चतुराई दिखाता है, उस पर गुस्सा, उसकी अकल ठिकाने लगाता है। जब सहता हो कोई, बहुत, उस पर, हर कोई, गुस्से से रोब जमाता है। जहाँ प्यार हो बेशुमार, वहाँ, गुस्सा दो मिनट में, फुर हो जाता है। जहाँ गुस्सा बाहर ही ना निकल पाए, वहाँ, वह ज़हर बन, इंसान को ज़िंदगी भर खाता है। #गुस्सा #taransh