वह पूछती थी-" तुम कैसे हो? मैं कहता था -" बस ठीक हूंँ। वह जब भी मिलती थी मुझे, या फिर जब गुफ़्तगू होती थी हमारी, वह हमेंशा पूछती थी-" तुम कैसे हो? मैं हंसकर कह देता था-" बिल्कुल ठीक हूंँ। वह पूछती ही रही, और मैं कहता ही गया ठीक हूंँ। अब इस मोहतरमा को कौन समझाए, के कोई बंदा हमेंशा ही कैसे ठीक रह सकता है। - Nitesh Prajapati OPEN FOR COLLAB✨ #ATgirlbg911 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.