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वो अँधेरी रात हो हल्की बरसात हो मेरे हाथ में तेरा

वो अँधेरी रात हो
हल्की बरसात हो
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
हम दोनों चल रहे साथ हों
वो बादल के गरजते अल्फाज़ हों
वो बिजली की कड़कती आवाज़ हो
हम दोनों के दरमियाँ ख़ामोशी से घिरे एहसास हों
वो मेरा ठण्ड से कंपकपाता इकरार हो
वो मेरा तेरी बाहों में सिमटता संसार हो
तेरी आँखों में मेरे लिए प्यार हो
वो मेरी एक सुकून भारी शाम हो...

©vijai kumar
  #soulmate