सोचा था कभी बेतहाशा रुलाऊंगा तुझे, तन्हाइयो में छोड़ कर एक दिन चला जाऊँगा तुझे,, तू बहकने लगे ऐसा मैं होने न दूँगा कभी, तेरी उम्मीद से भी ज्यादा सताऊंगा तुझे,, तेरे वादे सारे तोड़ दूँगा कहीं, तुझे बीच सफ़र में ले जाकर छोड़ दूँगा कहीं,, ये जो मोहब्बत के परिंदे उड़ाए थे तुमने कभी, सोचा था कत्ल करके सुर्खियों में लाऊंगा तुझे,, सोचा था कभी बेतहाशा रुलाऊँगा तुझे,, ...मोहित.. #Soacha tha kabhi bE TahaSha..