भीड तो उंचा ही सूनेगी दोस्त, मेरी आवाज गीर पडेगी दोस्त, मेरी तकदिर 'तेरी खिडकी है, 'तेरी खिडकी कब खुलेगी दोस्त.. और दोस्ती लब्ज ही मे दो है दो, सिर्फ 'तेरी नही चलेगी दोस्त... #दोस्त