Nojoto: Largest Storytelling Platform

डूब कर तुम्हारी यादों में निकलना कौन चाहेगा सिमट क

डूब कर तुम्हारी यादों में निकलना कौन चाहेगा
सिमट कर जहन में याद बन के बिखरना कौन चाहेगा

होश हो तब ही तो बातें करें तुक की हम 
तुम्हारे सामने ग़ाफ़िल है होश में आना कौन चाहेगा।।

तुम्हारे नाम की खुशबू बिखरी है हर सिम्त ही मेरे
इन खुशबुओं से आखिर दूर जाना कौन चाहेगा।
- Rahul Kavi Dubkar Teri Yaado Me Niklana Kaun Chaahega..
डूब कर तुम्हारी यादों में निकलना कौन चाहेगा
सिमट कर जहन में याद बन के बिखरना कौन चाहेगा

होश हो तब ही तो बातें करें तुक की हम 
तुम्हारे सामने ग़ाफ़िल है होश में आना कौन चाहेगा।।

तुम्हारे नाम की खुशबू बिखरी है हर सिम्त ही मेरे
इन खुशबुओं से आखिर दूर जाना कौन चाहेगा।
- Rahul Kavi Dubkar Teri Yaado Me Niklana Kaun Chaahega..
rahulkavi4076

Rahul Kavi

New Creator