सुना है क्या फिर बोली बर्फ है आज कल से घेरा डाले थे मातृभूमि के लाल हाँ अपने गोली बंदूक शोर था हाँ बस आखिर दैत्य हाँ लगे ठिकाने पर तुमको मालूम ही होगा कुरुक्षेत्र तो कुरुक्षेत्र हाँ जहाँ पापी गीरते पाप से दैत्य मरते अभिशाप से और जब गोली घुमती फिरती वीरों से जा मिलती है बलिदानों की गाथा शुरवीरों सी चल पड़ती है मुस्काते वो दर्द से छलनी सीना हाँ कह उठता है कर रहा सुपूर्द ऐ हिंदवालों सरहद की शान अब तुम जानो याद रहे हाँ याद रहे वतन न सस्ती वतन है हस्ती जननी की मर्यादा ताज रहे हाँ ताज रहे....... भारत ! फिर गमगीन है सरहद 🇮🇳 पाँच लिपटे हैं तिरंगे में अब कभी नहीं जागने के लिये वो भी तब जब भारत कह रहा #Indiafightscorona सुना है क्या फिर बोली बर्फ है आज कल से घेरा डाले थे मातृभूमि के लाल हाँ अपने गोली बंदूक शोर था हाँ बस