समंदर में डूबी हुई किश्तियों को अब भला कौन पूछता है , जो बीत गया सो बीत गया , लबों की हसी में अब वो बात नहीं , वो जब से मुझसे रूठ गया , कहते है एक बिना पंखों का परिंदा था, जो अब उड़ना भूल गया ........ #समंदर_के_किनारे