अच्छा सुनो, तुम्हें याद तो है ना?
पिछले साल की वो बंद दरवाज़ो के पीछे वाले कि़स्से?
अरे धत्त! कुछ और मत समझो,
क्योंकि वो किस्से हैं हमारी शामों के
जो हमने मीलों दूर रहकर एक साथ गुजारीं!
हाँ, तुम्हें जानती कहां थी मैं,
आनलाइन पढ़ाई, दलगोना काफ़ी की रील्स,
तो मैंने कभी बनाई नहीं, #yqbaba#yqdidi#yqlove