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#बैचैनी हम मनुष्यों में बैचैनी का होना एक सामान्य

#बैचैनी

हम मनुष्यों में बैचैनी का होना एक सामान्य बात है,
क्योंकि हम पैदा हो दो लोगो की बैचैनी से हुए हैं,
बैचैनी ही एक ऐसी चीज है जो हमें सुकून से कुछ नहीं करने देती है।।

ये हमें न तो सही से सोने देती है,
ना जागते हुए किसी कार्य को करने देती है,
बैचैनी किसी भी तरह की हो सकती है,
किसी काम की बैचैनी, किसी से मिलने की,
किसी से कुछ कहने की, कुछ हासिल करने की,
हर किसी के पास बैचैनी है इस संसार में किसी न किसी बात की।।

और ये बैचैनी व्यक्ति को हमेशा ही व्याकुल रखती हैं,
जिस कारणवश वो कभी भी किसी कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ नही दे पाता है,
और हमेशा जीवन में परेशान होता है,
इस लिए हमें इस बैचैनी से पीछा छुड़ाने के उपाय ढूंढने चाहिए,
और वो होना तब संभव है।।

जब हम अपनी प्रबल इच्छा के साथ के साथ करना चाहे,
और वो एक कार्य सबसे कठिन कार्यों में से एक है,
हमारी प्रबल इच्छा क्योंकि मन तो चंचल प्रवृति का है,
और उसे काबू में करना मुश्किल होता है,
पर हां जो व्यक्ति मन को काबू कर ले,
वो व्यक्ति ही इन अपनी बैचेनियो को पूर्ण विराम लगा सकता है।।

©Shivendra Gupta 'शिव' #udas
#बैचैनी

हम मनुष्यों में बैचैनी का होना एक सामान्य बात है,
क्योंकि हम पैदा हो दो लोगो की बैचैनी से हुए हैं,
बैचैनी ही एक ऐसी चीज है जो हमें सुकून से कुछ नहीं करने देती है।।

ये हमें न तो सही से सोने देती है,
ना जागते हुए किसी कार्य को करने देती है,
बैचैनी किसी भी तरह की हो सकती है,
किसी काम की बैचैनी, किसी से मिलने की,
किसी से कुछ कहने की, कुछ हासिल करने की,
हर किसी के पास बैचैनी है इस संसार में किसी न किसी बात की।।

और ये बैचैनी व्यक्ति को हमेशा ही व्याकुल रखती हैं,
जिस कारणवश वो कभी भी किसी कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ नही दे पाता है,
और हमेशा जीवन में परेशान होता है,
इस लिए हमें इस बैचैनी से पीछा छुड़ाने के उपाय ढूंढने चाहिए,
और वो होना तब संभव है।।

जब हम अपनी प्रबल इच्छा के साथ के साथ करना चाहे,
और वो एक कार्य सबसे कठिन कार्यों में से एक है,
हमारी प्रबल इच्छा क्योंकि मन तो चंचल प्रवृति का है,
और उसे काबू में करना मुश्किल होता है,
पर हां जो व्यक्ति मन को काबू कर ले,
वो व्यक्ति ही इन अपनी बैचेनियो को पूर्ण विराम लगा सकता है।।

©Shivendra Gupta 'शिव' #udas