मारने कीचड़ में पत्थर से पहले, इतना तो सोचते हुज़ूर, उनमें से कुछ बदनाम सी छींटे, तुम तक आएंगी ज़रूर।। झांक लेते काश आईने में तुम, मुझ पर इल्ज़ाम लगाने से पहले, एक शख्स नज़र आता तुम्हें, बड़ा खुदगर्ज बड़ा मगरूर।। ज़िल्लत सही थी लाखों बार, पर ये इश्क अभी तक ज़िंदा है, थोड़ा खफा हैं वो मुझसे, और थोड़ा बोहोत शर्मिंदा हैं, कर चुके जो कर सकते थे हम, झुकना नहीं है और मंज़ूर, बस देख हमारी आंखों में तुम, बता देना क्या था मेरा कुसूर।। झांक लेते काश आईने में तुम, मुझ पर इल्ज़ाम लगाने से पहले, एक शख्स नज़र आता तुम्हें, बड़ा खुदगर्ज बड़ा मगरूर।। #shaayavita #kusoor #brokenheart #broken_heart #nojoto