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ज़ुबाँ में शीरीं, दिल में अहसास पैदा कर। कोई तेरा

ज़ुबाँ में शीरीं,
दिल में अहसास पैदा कर।

कोई तेरा बन जाये,
किसी का तू हो जाये
ऐसा साज़ पैदा कर।

अभी घर से निकला है
नुकीले रास्तों की परवाह न कर,
मंज़िल ख़ुद खिंची चली आये,
ऐसा आग़ाज़ पैदा कर।

बात अच्छी हो सच्ची हो
लाज़िम है कि दो-चार सुनें,
पूरी दुनिया मजबूर हो उठे
तुझे सुनने के लिए,
सीने में ऐसी आवाज़ पैदा कर।

मंज़िल ख़ुद खिंची चली आये,
ऐसा आग़ाज़ पैदा कर।

~हिलाल हथ'रवी





.

©Hilal Hathravi #Saaz #Aawaaz
ज़ुबाँ में शीरीं,
दिल में अहसास पैदा कर।

कोई तेरा बन जाये,
किसी का तू हो जाये
ऐसा साज़ पैदा कर।

अभी घर से निकला है
नुकीले रास्तों की परवाह न कर,
मंज़िल ख़ुद खिंची चली आये,
ऐसा आग़ाज़ पैदा कर।

बात अच्छी हो सच्ची हो
लाज़िम है कि दो-चार सुनें,
पूरी दुनिया मजबूर हो उठे
तुझे सुनने के लिए,
सीने में ऐसी आवाज़ पैदा कर।

मंज़िल ख़ुद खिंची चली आये,
ऐसा आग़ाज़ पैदा कर।

~हिलाल हथ'रवी





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©Hilal Hathravi #Saaz #Aawaaz