Nojoto: Largest Storytelling Platform

ये तो स्याही की तासीर है जनाब, खुद बिखरती है तो दा

ये तो स्याही की तासीर है जनाब,
खुद बिखरती है तो दाग बन जाती है,
लेकिन कोई और बिखेरे तो अल्फाज बन जाती है।
दर्द बयान करती है खुद रोती नहीं,
अकेले चलती है दूसरो के एहसास बन जाती है।

©Ritu shrivastava #alfaaj_mere
ये तो स्याही की तासीर है जनाब,
खुद बिखरती है तो दाग बन जाती है,
लेकिन कोई और बिखेरे तो अल्फाज बन जाती है।
दर्द बयान करती है खुद रोती नहीं,
अकेले चलती है दूसरो के एहसास बन जाती है।

©Ritu shrivastava #alfaaj_mere