रात घनघोर अंधेरा चहुँओर फर्क यहाँ किसको नहीं कहीं है शोर मूर्तियों की पूजा मंत्रों का मायाजाल लूट रही असमत नहीं कहीं बवाल मंदिरों को अहमियत मानवता ज़ार ज़ार आंखों पर है पट्टी और धर्म व्यापार सत्य का प्रभाव कम झूठ का प्रकोप है पापियों से भरा हुआ अपना देवलोक है न्याय की गुहार कम अन्यायियों का जोर है बिक चुके न्यायालय न्यायाधीश सारे चोर है #nojoto #nojotoHindi #poem #quote #dashahara #अंधेरा #धर्म #अधर्म