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समाज में इंसानियत मर चुकी है, हैवनियत बढ़ चुकी है,

समाज में इंसानियत मर चुकी है,
हैवनियत बढ़ चुकी है,
और गौर से देखो ज़रा तुम
यहां कोई लड़की नहीं,
हमारे देश की काबिलियत जल चुकी है।।

सादगी_

समाज में इंसानियत मर चुकी है, हैवनियत बढ़ चुकी है, और गौर से देखो ज़रा तुम यहां कोई लड़की नहीं, हमारे देश की काबिलियत जल चुकी है।। सादगी_

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