ये हर्फ-हर्फ मुझको अक़ील कर रही है। जमाने की बेरुखी को जलील कर रही है। और क्यूं ना हो मोहब्बत मुझको मेरी कलम से। ये मेरी मुफलिसी को शोहरतों में तब्दील कर रही है। #zaheen #zaheenshayri #zaheenquotes #drzaheen #mohabbat #muflisi #shohrat #zindagi