कागज़ कल क्या था, आज क्या है और कल क्या होगा। कागज को जलाकर उसका अंत समझते हो, कागज का परिणाम तुम क्या जाने, पर कागज कल भी था, आज भी है और कल भी होगा।। How much thought would have made you to be made by God