पल्लव की डायरी मेरे जज्बातों का दर्द ब्यान ये करता है महफ़िलो में मेरी आवाज बुलंद करता है हम कवियों पर ना कोई साज है ना कोई सुर और ताल है कविताओं और रचनाओं को जन जन को सुनाने का माइक ही करता निर्वाहन है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #DilKiAwaaz हम कवियों पर ना कोई साज ना सुर ताल है #DilKiAwaaz