तो अब मनाऊं क्यो ? सूखा है पत्ता तो ,अब उठाऊँ क्यो ? अब दिल की जगह पत्थर रखा है मैने , ओर अब तू पत्थर हीं है, तो तुझे पिघलाउ क्यो ? Dr.Vishal Singh वात्सल्य किसी के रूठ जाने से दिल भी इस ज़र्द पत्ते की तरह हो गया है। #रूठाहुआहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi