इश्क पे मेरी हजार तोहमतें ख़ारिज हो गई यार हिज्र के बाद भी मुस्कुराहट बरकरार रह गई । मुझको समझ ना आई ये ज़िंदगी ,तबाह हो कर भी यार तमाम हसरतें इक पल में नीलाम हो कर रह गई । लोग पूछते है आजतक हाल - चाल उससे मेरी यार उसके जुल्फ़ों में मेरी इक हसीन रात रह गई । भूल कर अब चल दिया हूँ यूँ कटीले राहों पर फिर यार अरसों की चाहते कफ़न ओढ़ जिंदा रह गई कुछ ख्यालात लिखने को रोज़ मजबूर कर रही मुझे यार मेरे बदन पे अबतक उसकी गुस्ताखी रह गई । न जाने क्यूँ इक ख़लिश सी रही है उस वक़्त से निगाहों में मेरी यार मुक्कमल हो कर अधूरी मेरी जिंदगानी रह गई । #kunalpoetry #bebahar #yqdidi #yqbaba #kunu #dotch #kamil_kavi #gajal