अनजान सफ़र मे सिर्फ़ शब्दों का साथ था उसके पास. पर ज़िम्मेदारियों का बोझ इतना भारी था कि शब्द कहि दब गए उसके बोझ के नीचे. शब्दों की जुगलबंदी करते करते एक लेखक एक 6'6 काँच के क्यूबिकल मैं आज व्यापार करता है. हाँ अब वो Well settled है दुनिया के हिसाब से, पर दुनिया क्या जाने वो तो अपने आप को खो चुका है....! -Nitzkey (The Insane writer) #zindagikasafar #life_lesson #Life❤ #Feelingsfromheart #shadesoflife