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तेरी‌ भी हद हैं ए मालिक, शीशा का मुकद्दर दे, ...और

तेरी‌ भी हद हैं ए मालिक,
शीशा का मुकद्दर दे,
...और...
दिल मोम का‌ दे ..
.....मुझे...
वक्त के हाथों,
पत्थर थमा दिया।




 #रोज़ी_संबरीया
तेरी‌ भी हद हैं ए मालिक,
शीशा का मुकद्दर दे,
...और...
दिल मोम का‌ दे ..
.....मुझे...
वक्त के हाथों,
पत्थर थमा दिया।




 #रोज़ी_संबरीया