मुश्किल होता है भीड़ में , किसी एक को चुनना, मुखोटों के पीछे छुपे चेहरे की, असलियत को पहचानना । बड़ा ही मुश्किल होता है, सच होकर भी होठो को सीना। कविता जयेश पनोत #मुखोटा