सर पे है बर्फ़ की टोकरी पैरों के नीचे है अंगारा, आगे है लहराता सागर सूझता नहीं है किनारा, मुड़कर देखा पीछे जब घना अंधेरा छाया था, आसमां की चमक और बादलों ने मुझे भरमाया था, द्वार मौत के खड़े होकर हमने आवाज लगाया था, अपनों ने तो कब का छोड़ा अब मौत ने ठुकराया था, मायूस मन चेहरा उदास ठोकरें खाता रहा, वक्त बदल जायेगा एक दिन गीत यहीं गाता रहा, जैसे तैसे दिन ढला जाने कितनी लंबी रात है, सूरज तो है मुझसे रूठा नजरें फेरा महताब है, विरानियां दिखती हर तरफ़ नज़रें जहां तक जाती है है बहरों की बस्ती ये कोई अल्फाज़ नहीं सुन पाती है, आंखों में है अश्क इतराता लफ्ज़ भी खामोश हैं, कोई नहीं बनता सहारा दुनिया बस ज्ञानकोष है। #yourtaless #yourquotedidi #yourquotebaba #you #yourfeelings p #paidstory