वो रातें जो कभी चाँदनी तो कभी गहरी घनी थी वो शख्स ,जो अब बस खुदमें रम चुका था वो आँखों से बेतहाशा ,बेसहारा,गिरे अश्क़ वो अश्क़ जिनमें बहा था हर एक सवाल वो कंपकपाते होंठ और जुबाँ की खामोशी उन अँधेरों में गुम हुईं वो सिसकियां और जीतेजी दम सा घोंटने वाली वो साँसें अंदर ही अंदर समाईं वो खुद की चीखें कई अरसे से खोया सुकून ,उजड़ी नींदें और पानी की तरह बेपरवाह बहे वो आंशू सुनो...! ये कतरा-कतरा जवाब माँगेगा मनोगुरु #society #suicide #depression #frustration #love #life #lesson #inspiration #motivation #midnight #thought #quotes #argument #nojoto #story #nojotohindi #nojotostory #nojotonews